आम जनता दोनों से ही त्रस्त है। नाम बदलने वालों से भी और नाम बदलने के बाद, बवाल मचाने वालों से भी। दोनों ही अपनी घटिया राजनीति और स्वार्थ के लिये, जनता का बहुमूल्य समय और ख़ून पसीने की कमाई बर्बाद कर रहे हैं।